दोस्ती बंदगी वफ़ा-ओ-ख़ुलूस
हम ये शम्अ' जलाना भूल गए
अंजुम लुधियानवी
मुझे दुश्मन से अपने इश्क़ सा है
मैं तन्हा आदमी की दोस्ती हूँ
बाक़र मेहदी
भूल शायद बहुत बड़ी कर ली
दिल ने दुनिया से दोस्ती कर ली
बशीर बद्र
मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला
अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला
बशीर बद्र
मैं हैराँ हूँ कि क्यूँ उस से हुई थी दोस्ती अपनी
मुझे कैसे गवारा हो गई थी दुश्मनी अपनी
एहसान दानिश
मुझे जो दोस्ती है उस को दुश्मनी मुझ से
न इख़्तियार है उस का न मेरा चारा है
ग़मगीन देहलवी
दुश्मनों ने जो दुश्मनी की है
दोस्तों ने भी क्या कमी की है
हबीब जालिब