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दोस्ती शायरी | शाही शायरी

दोस्ती

31 शेर

लोग डरते हैं दुश्मनी से तिरी
हम तिरी दोस्ती से डरते हैं

हबीब जालिब




दोस्ती आम है लेकिन ऐ दोस्त
दोस्त मिलता है बड़ी मुश्किल से

friendship is commonplace my dear
but friends are hard to find I fea

हफ़ीज़ होशियारपुरी




'शाइर' उन की दोस्ती का अब भी दम भरते हैं आप
ठोकरें खा कर तो सुनते हैं सँभल जाते हैं लोग

हिमायत अली शाएर




दोस्ती की तुम ने दुश्मन से अजब तुम दोस्त हो
मैं तुम्हारी दोस्ती में मेहरबाँ मारा गया

इम्दाद इमाम असर




कुछ समझ कर उस मह-ए-ख़ूबी से की थी दोस्ती
ये न समझे थे कि दुश्मन आसमाँ हो जाएगा

इम्दाद इमाम असर




दोस्ती और किसी ग़रज़ के लिए
वो तिजारत है दोस्ती ही नहीं

इस्माइल मेरठी




हम को यारों ने याद भी न रखा
'जौन' यारों के यार थे हम तो

जौन एलिया