EN اردو
2 लाइन शायरी शायरी | शाही शायरी

2 लाइन शायरी

22761 शेर

अक्सर मिरे शेरों की सना करते रहे हैं
वो लोग जो ग़ालिब के तरफ़-दार नहीं हैं

तालीफ़ हैदर




इंकार भी करने का बहाना नहीं मिलता
इक़रार भी करने का मज़ा देख रहे हैं

तालीफ़ हैदर




इस तरह तुझे इश्क़ किया है कि ये दुनिया
हम को ही कहीं इश्क़ का हासिल न बना दे

तालीफ़ हैदर




इस तरह तुझे इश्क़ किया है कि ये दुनिया
हम को ही कहीं इश्क़ का हासिल न बना दे

तालीफ़ हैदर




ख़िरद नहीं है यहाँ बस जुनून का सौदा
हम इस जुनून से आगे मकाँ बनाते हैं

तालीफ़ हैदर




ख़ुदा वजूद में है आदमी के होने से
और आदमी का तसलसुल ख़ुदा से क़ाएम है

तालीफ़ हैदर




ख़ुदा वजूद में है आदमी के होने से
और आदमी का तसलसुल ख़ुदा से क़ाएम है

तालीफ़ हैदर