अक्सर मिरे शेरों की सना करते रहे हैं
वो लोग जो ग़ालिब के तरफ़-दार नहीं हैं
तालीफ़ हैदर
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इंकार भी करने का बहाना नहीं मिलता
इक़रार भी करने का मज़ा देख रहे हैं
तालीफ़ हैदर
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इस तरह तुझे इश्क़ किया है कि ये दुनिया
हम को ही कहीं इश्क़ का हासिल न बना दे
तालीफ़ हैदर
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इस तरह तुझे इश्क़ किया है कि ये दुनिया
हम को ही कहीं इश्क़ का हासिल न बना दे
तालीफ़ हैदर
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ख़िरद नहीं है यहाँ बस जुनून का सौदा
हम इस जुनून से आगे मकाँ बनाते हैं
तालीफ़ हैदर
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ख़ुदा वजूद में है आदमी के होने से
और आदमी का तसलसुल ख़ुदा से क़ाएम है
तालीफ़ हैदर
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ख़ुदा वजूद में है आदमी के होने से
और आदमी का तसलसुल ख़ुदा से क़ाएम है
तालीफ़ हैदर
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