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2 लाइन शायरी शायरी | शाही शायरी

2 लाइन शायरी

22761 शेर

मुझे धोका हुआ कि जादू है
पावँ बजते हैं तेरे बिन छागल

सय्यद आबिद अली आबिद




मुझे धोका हुआ कि जादू है
पावँ बजते हैं तेरे बिन छागल

सय्यद आबिद अली आबिद




साक़िया है तिरी महफ़िल में ख़ुदाओं का हुजूम
महफ़िल-अफ़रोज़ हो इंसाँ तो मज़ा आ जाए

सय्यद आबिद अली आबिद




शब-ए-हिज्राँ की दराज़ी से परेशान न था
ये तेरी ज़ुल्फ़-ए-रसा है मुझे मालूम न था

सय्यद आबिद अली आबिद




शब-ए-हिज्राँ की दराज़ी से परेशान न था
ये तेरी ज़ुल्फ़-ए-रसा है मुझे मालूम न था

सय्यद आबिद अली आबिद




शरअ-ओ-आईन की ताज़ीर के बा-वस्फ़ शबाब
लब-ओ-रुख़्सार की जानिब निगराँ है कि जो था

सय्यद आबिद अली आबिद




सुबू उठा कि ये नाज़ुक मक़ाम है साक़ी
न अहरमन है न यज़्दाँ है देखिए क्या हो

सय्यद आबिद अली आबिद