आज आया है अपना ध्यान हमें
आज दिल के नगर से गुज़रे हैं
सय्यद आबिद अली आबिद
ऐ इल्तिफ़ात-ए-यार मुझे सोचने तो दे
मरने का है मक़ाम या जीने का महल
सय्यद आबिद अली आबिद
दम-ए-रुख़्सत वो चुप रहे 'आबिद'
आँख में फैलता गया काजल
सय्यद आबिद अली आबिद
दम-ए-रुख़्सत वो चुप रहे 'आबिद'
आँख में फैलता गया काजल
सय्यद आबिद अली आबिद
दर-ए-इख़्लास की दहलीज़ पर ख़म हूँ 'आबिद'
एक जीने का सलीक़ा दिल-ए-बेबाक में है
सय्यद आबिद अली आबिद
ग़म के तारीक उफ़ुक़ पर 'आबिद'
कुछ सितारे सर-ए-मिज़्गाँ गुज़रे
सय्यद आबिद अली आबिद
ग़म-ए-दौराँ ग़म-ए-जानाँ का निशाँ है कि जो था
वस्फ़-ए-ख़ूबाँ ब-हदीस-ए-दिगराँ है कि जो था
सय्यद आबिद अली आबिद