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2 लाइन शायरी शायरी | शाही शायरी

2 लाइन शायरी

22761 शेर

टूटे दिल को बना दिखावे
ऐसा कोई कारी-गर न देखा

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




उस वक़्त दिल मिरा तिरे पंजे के बीच था
जिस वक़्त तू ने हात लगाया था हात को

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




उस वक़्त दिल मिरा तिरे पंजे के बीच था
जिस वक़्त तू ने हात लगाया था हात को

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




वक़्त फ़ुर्सत दे तो मिल बैठें कहीं बाहम दो दम
एक मुद्दत से दिलों में हसरत-ए-तरफ़ैन है

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




वस्फ़ अँखियों का लिखा हम ने गुल-ए-बादाम पर
कर के नर्गिस को क़लम और चश्म-ए-आहू की दवात

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




वस्फ़ अँखियों का लिखा हम ने गुल-ए-बादाम पर
कर के नर्गिस को क़लम और चश्म-ए-आहू की दवात

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




वो वहशी इस क़दर भड़का है सूरत से मिरे यारो
कि अपने देख साए को मुझे हमराह जाने है

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम