है अबस 'हातिम' ये सब मज़मून ओ मअ'नी का तलाश
मुँह से जो निकला सुख़न-गो के सो मौज़ूँ हो गया
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
है अबस 'हातिम' ये सब मज़मून ओ मअ'नी का तलाश
मुँह से जो निकला सुख़न-गो के सो मौज़ूँ हो गया
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
है कभू दिल में कभू जी में कभू आँखों के बीच
कौन कहता है उसे यारो कि हरजाई नहीं
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
है राह-ए-आशिक़ी तारीक और बारीक और सुकड़ी
नहीं कुछ काम आने की यहाँ ज़ाहिद तिरी लकड़ी
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
है राह-ए-आशिक़ी तारीक और बारीक और सुकड़ी
नहीं कुछ काम आने की यहाँ ज़ाहिद तिरी लकड़ी
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
हैराँ हैं अपने अपने जो देखा सो काम में
क्या नाख़ुदा-शनास यहाँ क्या ख़ुदा-शनास
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
हम बहुत देखे फ़रंगिस्तान के हुस्न-ए-सबीह
चर्ब है सब पर बुतान-ए-हिन्द का रंग-ए-मलीह
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम