रोने से और लुत्फ़ वफ़ाओं का बढ़ गया
सब ज़ाइक़ा फलों में नए पानियों का है
शाहिद मीर
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'शाहिद' लिखना है मुझे ये किस की तारीफ़
डरा डरा सा क़ाफ़िया सहमी हुई रदीफ़
शाहिद मीर
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शब गुज़री बुझने लगा रौशनियों का शहर
लौटी साहिल की तरफ़ थकी थकी इक लहर
शाहिद मीर
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शब गुज़री बुझने लगा रौशनियों का शहर
लौटी साहिल की तरफ़ थकी थकी इक लहर
शाहिद मीर
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शजर ने लहलहा कर और हवा ने चूम कर मुझ को
तिरी आमद के अफ़्साने सुनाए झूम कर मुझ को
शाहिद मीर
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तातीलें रुख़्सत हुईं खुले सभी स्कूल
सड़कों पर खिलने लगे प्यारे प्यारे फूल
शाहिद मीर
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तातीलें रुख़्सत हुईं खुले सभी स्कूल
सड़कों पर खिलने लगे प्यारे प्यारे फूल
शाहिद मीर
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