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2 लाइन शायरी शायरी | शाही शायरी

2 लाइन शायरी

22761 शेर

जीवन जीना कठिन है विष पीना आसान
इंसाँ बन कर देख लो ओ 'शंकर' भगवान

शाहिद मीर




जीवन जीना कठिन है विष पीना आसान
इंसाँ बन कर देख लो ओ 'शंकर' भगवान

शाहिद मीर




काग़ज़ पर लिख दीजिए अपने सारे भेद
दिल में रहे तो आँच से हो जाएँगे छेद

शाहिद मीर




पहले तो छीन ली मिरी आँखों की रौशनी
फिर आईने के सामने लाया गया मुझे

शाहिद मीर




पहले तो छीन ली मिरी आँखों की रौशनी
फिर आईने के सामने लाया गया मुझे

शाहिद मीर




रास आई कुछ इस तरह शब्दों की जागीर
'शाहिद' पीछे रह गए आगे बढ़ गए 'मीर'

शाहिद मीर




रोने से और लुत्फ़ वफ़ाओं का बढ़ गया
सब ज़ाइक़ा फलों में नए पानियों का है

शाहिद मीर