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2 लाइन शायरी शायरी | शाही शायरी

2 लाइन शायरी

22761 शेर

मेरे आने की ख़बर सुन के वो दौड़ा आता
उस को पहुँचा नहीं पैग़ाम यही लगता है

शबाना यूसुफ़




मेरे आने की ख़बर सुन के वो दौड़ा आता
उस को पहुँचा नहीं पैग़ाम यही लगता है

शबाना यूसुफ़




मुझ को भी कर देगा रुस्वा वो ज़माने भर में
ख़ुद भी हो जाएगा बदनाम यही लगता है

शबाना यूसुफ़




ये तो सोचा ही नहीं उस को जुदा करते हुए
चुन लिया है ग़म भी ख़ुशियों को रिहा करते हुए

शबाना यूसुफ़




ये तो सोचा ही नहीं उस को जुदा करते हुए
चुन लिया है ग़म भी ख़ुशियों को रिहा करते हुए

शबाना यूसुफ़




दिल की धड़कन भी बड़ी चीज़ है तन्हाई में
तेरी खोई हुई आवाज़ सुना करते हैं

शबनम नक़वी




तेरी ताबिश से रौशन हैं गुल भी और वीराने भी
क्या तू भी इस हँसती-गाती दुनिया का मज़दूर है चाँद?

शबनम रूमानी