तिनकों से खेलते ही रहे आशियाँ में हम
आया भी और गया भी ज़माना बहार का
फ़ानी बदायुनी
तर्क-ए-उम्मीद बस की बात नहीं
वर्ना उम्मीद कब बर आई है
फ़ानी बदायुनी
सूर-ओ-मंसूर-ओ-तूर अरे तौबा
एक है तेरी बात का अंदाज़
फ़ानी बदायुनी
सुने जाते न थे तुम से मिरे दिन-रात के शिकवे
कफ़न सरकाओ मेरी बे-ज़बानी देखते जाओ
फ़ानी बदायुनी
सुने जाते न थे तुम से मिरे दिन रात के शिकवे
कफ़न सरकाओ मेरी बे-ज़बानी देखते जाओ
फ़ानी बदायुनी
शिकवा-ए-हिज्र पे सर काट के फ़रमाते हैं
फिर करोगे कभी इस मुँह से शिकायत मेरी
फ़ानी बदायुनी
दैर में या हरम में गुज़रेगी
उम्र तेरे ही ग़म में गुज़रेगी
फ़ानी बदायुनी
हम हैं उस के ख़याल की तस्वीर
जिस की तस्वीर है ख़याल अपना
फ़ानी बदायुनी
फ़ानी दवा-ए-दर्द-ए-जिगर ज़हर तो नहीं
क्यूँ हाथ काँपता है मिरे चारासाज़ का
फ़ानी बदायुनी