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फ़ानी बदायुनी शायरी | शाही शायरी

फ़ानी बदायुनी शेर

83 शेर

हज़ार ढूँडिए उस का निशाँ नहीं मिलता
जबीं मिले तो मिले आस्ताँ नहीं मिलता

फ़ानी बदायुनी




हर नफ़स उम्र-ए-गुज़िश्ता की है मय्यत 'फ़ानी'
ज़िंदगी नाम है मर मर के जिए जाने का

फ़ानी बदायुनी