हज़ार ढूँडिए उस का निशाँ नहीं मिलता
जबीं मिले तो मिले आस्ताँ नहीं मिलता
फ़ानी बदायुनी
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हर नफ़स उम्र-ए-गुज़िश्ता की है मय्यत 'फ़ानी'
ज़िंदगी नाम है मर मर के जिए जाने का
फ़ानी बदायुनी