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एहसान दानिश शायरी | शाही शायरी

एहसान दानिश शेर

36 शेर

हाँ आप को देखा था मोहब्बत से हमीं ने
जी सारे ज़माने के गुनहगार हमीं थे

एहसान दानिश




और कुछ देर सितारो ठहरो
उस का व'अदा है ज़रूर आएगा

एहसान दानिश




ब-जुज़ उस के 'एहसान' को क्या समझिए
बहारों में खोया हुआ इक शराबी

एहसान दानिश




बला से कुछ हो हम 'एहसान' अपनी ख़ू न छोड़ेंगे
हमेशा बे-वफ़ाओं से मिलेंगे बा-वफ़ा हो कर

एहसान दानिश




दमक रहा है जो नस नस की तिश्नगी से बदन
इस आग को न तिरा पैरहन छुपाएगा

एहसान दानिश




दिल की शगुफ़्तगी के साथ राहत-ए-मय-कदा गई
फ़ुर्सत-ए-मय-कशी तो है हसरत-ए-मय-कशी नहीं

एहसान दानिश




'एहसान' ऐसा तल्ख़ जवाब-ए-वफ़ा मिला
हम इस के बाद फिर कोई अरमाँ न कर सके

I, to my troth, such a bitter response did obtain
after that I could never hope to hope again

एहसान दानिश




'एहसान' अपना कोई बुरे वक़्त का नहीं
अहबाब बेवफ़ा हैं ख़ुदा बे-नियाज़ है

एहसान दानिश




फ़ुसून-ए-शेर से हम उस मह-ए-गुरेज़ाँ को
ख़लाओं से सर-ए-काग़ज़ उतार लाए हैं

एहसान दानिश