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Charagar शायरी | शाही शायरी

Charagar

12 शेर

गोया तुम्हारी याद ही मेरा इलाज है
होता है पहरों ज़िक्र तुम्हारा तबीब से

आग़ा हश्र काश्मीरी




इक ये भी तो अंदाज़-ए-इलाज-ए-ग़म-ए-जाँ है
ऐ चारागरो दर्द बढ़ा क्यूँ नहीं देते

अहमद फ़राज़




कोई दवा न दे सके मशवरा-ए-दुआ दिया
चारागरों ने और भी दर्द दिल का बढ़ा दिया

हफ़ीज़ जालंधरी




कभी जो ज़हमत-ए-कार-ए-रफ़ू नहीं करता
हमारे ज़ख़्म उसी चारागर के नाम तमाम

इरफ़ान सिद्दीक़ी




किस से उम्मीद करें कोई इलाज-ए-दिल की
चारागर भी तो बहुत दर्द का मारा निकला

लुत्फ़ुर्रहमान




वो दिल-नवाज़ है लेकिन नज़र-शनास नहीं
मिरा इलाज मिरे चारा-गर के पास नहीं

नासिर काज़मी




ऐ मिरे चारागर तिरे बस में नहीं मोआमला
सूरत-ए-हाल के लिए वाक़िफ़-ए-हाल चाहिए

सलीम कौसर