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Charagar शायरी | शाही शायरी

Charagar

12 शेर

अब मिरा दर्द मिरी जान हुआ जाता है
ऐ मिरे चारागरो अब मुझे अच्छा न करो

शहज़ाद अहमद




तबीबों की तवज्जोह से मरज़ होने लगा दूना
दवा इस दर्द की बतला दिल-ए-आगाह क्या कीजे

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




किस से जा कर माँगिये दर्द-ए-मोहब्बत की दवा
चारा-गर अब ख़ुद ही बेचारे नज़र आने लगे

शकील बदायुनी




मुझे छोड़ दे मेरे हाल पर तिरा क्या भरोसा है चारागर
ये तिरी नवाज़िश-ए-मुख़्तसर मेरा दर्द और बढ़ा न दे

Leave me to my present state, I do not trust your medicine
Your mercy minor though may be,might increase my pain today

शकील बदायुनी




चारागरी की बात किसी और से करो
अब हो गए हैं यारो पुराने मरीज़ हम

talk not of cure to me my friends,nor of therapy
I am a chronic patient now, well past remedy

शुजा ख़ावर