आज इंसाँ को तपते सहरा में
बहता दरिया तलाश करना है
अनीस अब्र
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
'अब्र' दुनिया को छोड़ जाने का
इक बहाना तलाश करना है
अनीस अब्र
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
क्यूँ हाथ दिल से लगाते हो बार बार अपना
क्या दिल में अब भी कोई बे-नज़ीर रहता है
अनीस अब्र
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
लफ़्ज़ यूँ ख़ामुशी से लड़ते हैं
जिस तरह ग़म हँसी से लड़ते हैं
अनीस अब्र
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
मैं मुस्कुराता मगर दी न अश्क ने मोहलत
ख़ुशी जब एक मिली साथ ग़म हज़ार मिले
अनीस अब्र
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
मौत की आरज़ू में दीवाने
उम्र-भर ज़िंदगी से लड़ते हैं
अनीस अब्र
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
फिर अहल-ए-इश्क़ की तख़्लीक़ होती है पहले
जुनूँ की आग में बरसों ख़मीर रहता है
अनीस अब्र
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
तुझ पे जमी हैं सब की नज़रें
तेरी नज़र में कौन रहेगा
अनीस अब्र
टैग:
| 2 लाइन शायरी |