मुद्दतों बाद उठाए थे पुराने काग़ज़
साथ तेरे मिरी तस्वीर निकल आई है
साबिर दत्त
मैं ने तो यूँही राख में फेरी थीं उँगलियाँ
देखा जो ग़ौर से तिरी तस्वीर बन गई
सलीम बेताब
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अपने जैसी कोई तस्वीर बनानी थी मुझे
मिरे अंदर से सभी रंग तुम्हारे निकले
सालिम सलीम
भेज दी तस्वीर अपनी उन को ये लिख कर 'शकील'
आप की मर्ज़ी है चाहे जिस नज़र से देखिए
शकील बदायुनी
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मैं ने भी देखने की हद कर दी
वो भी तस्वीर से निकल आया
शहपर रसूल
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मुझ को अक्सर उदास करती है
एक तस्वीर मुस्कुराती हुई
विकास शर्मा राज़
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