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प्रेम प्रसंगयुक्त शायरी | शाही शायरी

प्रेम प्रसंगयुक्त

67 शेर

मुझे तो क़ैद-ए-मोहब्बत अज़ीज़ थी लेकिन
किसी ने मुझ को गिरफ़्तार कर के छोड़ दिया

शकील बदायुनी




तुम फिर उसी अदा से अंगड़ाई ले के हँस दो
आ जाएगा पलट कर गुज़रा हुआ ज़माना

शकील बदायुनी




हम तो समझे थे कि बरसात में बरसेगी शराब
आई बरसात तो बरसात ने दिल तोड़ दिया

showers of wine, I did think, would come with rainy clime
but alas when it did rain my heart broke one more time

सुदर्शन फ़ाख़िर




जिसे इश्क़ का तीर कारी लगे
उसे ज़िंदगी क्यूँ न भारी लगे

वली मोहम्मद वली