वो अलविदा'अ का मंज़र वो भीगती पलकें
पस-ए-ग़ुबार भी क्या क्या दिखाई देता है
शकेब जलाली
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जाने वाले से मुलाक़ात न होने पाई
दिल की दिल में ही रही बात न होने पाई
शकील बदायुनी