EN اردو
बिदाई शायरी | शाही शायरी

बिदाई

30 शेर

याद है अब तक तुझ से बिछड़ने की वो अँधेरी शाम मुझे
तू ख़ामोश खड़ा था लेकिन बातें करता था काजल

नासिर काज़मी




आई होगी तो मौत आएगी
तुम तो जाओ मिरा ख़ुदा हाफ़िज़

नातिक़ गुलावठी




उस को रुख़्सत तो किया था मुझे मालूम न था
सारा घर ले गया घर छोड़ के जाने वाला

निदा फ़ाज़ली




रेल देखी है कभी सीने पे चलने वाली
याद तो होंगे तुझे हाथ हिलाते हुए हम

नोमान शौक़




आँख से दूर सही दिल से कहाँ जाएगा
जाने वाले तू हमें याद बहुत आएगा

उबैदुल्लाह अलीम




तेरे पैमाने में गर्दिश नहीं बाक़ी साक़ी
और तिरी बज़्म से अब कोई उठा चाहता है

परवीन शाकिर




आबदीदा हो के वो आपस में कहना अलविदा'अ
उस की कम मेरी सिवा आवाज़ भर्राई हुई

परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़