वो कहते हैं मैं ज़िंदगानी हूँ तेरी
ये सच है तो उन का भरोसा नहीं है
आसी ग़ाज़ीपुरी
टैग:
| Bharosa |
| 2 लाइन शायरी |
दिल को तिरी चाहत पे भरोसा भी बहुत है
और तुझ से बिछड़ जाने का डर भी नहीं जाता
अहमद फ़राज़
टैग:
| Bharosa |
| 2 लाइन शायरी |
मुझ से बिगड़ गए तो रक़ीबों की बन गई
ग़ैरों में बट रहा है मिरा ए'तिबार आज
अहमद हुसैन माइल
मिरी तरफ़ से तो टूटा नहीं कोई रिश्ता
किसी ने तोड़ दिया ए'तिबार टूट गया
अख़्तर नज़्मी
बहुत क़रीब रही है ये ज़िंदगी हम से
बहुत अज़ीज़ सही ए'तिबार कुछ भी नहीं
अख़्तर सईद ख़ान
मुझे है ए'तिबार-ए-वादा लेकिन
तुम्हें ख़ुद ए'तिबार आए न आए
अख़्तर शीरानी
ये और बात कि इक़रार कर सकें न कभी
मिरी वफ़ा का मगर उन को ए'तिबार तो है
अलीम अख़्तर