भीगी मिट्टी की महक प्यास बढ़ा देती है
दर्द बरसात की बूँदों में बसा करता है
मरग़ूब अली
और बाज़ार से क्या ले जाऊँ
पहली बारिश का मज़ा ले जाऊँ
मोहम्मद अल्वी
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धूप ने गुज़ारिश की
एक बूँद बारिश की
मोहम्मद अल्वी
अब के बारिश में तो ये कार-ए-ज़ियाँ होना ही था
अपनी कच्ची बस्तियों को बे-निशाँ होना ही था
मोहसिन नक़वी
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घटा देख कर ख़ुश हुईं लड़कियाँ
छतों पर खिले फूल बरसात के
मुनीर नियाज़ी
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याद आई वो पहली बारिश
जब तुझे एक नज़र देखा था
नासिर काज़मी
बरस रही थी बारिश बाहर
और वो भीग रहा था मुझ में
नज़ीर क़ैसर
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