ख़ुदा के नाम पे जिस तरह लोग मर रहे हैं
दुआ करो कि अकेला ख़ुदा न रह जाए
तसनीम आबिदी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
चल कर कभी हमारे अंधेरे भी देखिए
हम लोग रौशनी में बड़े पुर-वक़ार हैं
तसनीम फ़ारूक़ी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
| 2 लाइन शायरी |
चल कर कभी हमारे अंधेरे भी देखिए
हम लोग रौशनी में बड़े पुर-वक़ार हैं
तसनीम फ़ारूक़ी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
| 2 लाइन शायरी |
रात मेरे पास तुझ को देख कर
देर तक रूठी रहीं तन्हाइयाँ
तसनीम फ़ारूक़ी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
बहार दर्द भरा इक़्तिबास छोड़ गई
हर इक शजर का बदन बे-लिबास छोड़ गई
तौक़ीर अब्बास
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
| 2 लाइन शायरी |
बहार दर्द भरा इक़्तिबास छोड़ गई
हर इक शजर का बदन बे-लिबास छोड़ गई
तौक़ीर अब्बास
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
| 2 लाइन शायरी |
छोड़ आया था मेज़ पर चाय
ये जुदाई का इस्तिआरा था
तौक़ीर अब्बास
टैग:
| 2 लाइन शायरी |