ज़ेहन पर बोझ रहा, दिल भी परेशान हुआ
इन बड़े लोगों से मिल कर बड़ा नुक़सान हुआ
तारिक़ क़मर
अच्छे हैं फ़ासले के ये तारे सजाते हैं
जितना क़रीब जाओ नज़र दाग़ आते हैं
तासीर सिद्दीक़ी
अच्छे हैं फ़ासले के ये तारे सजाते हैं
जितना क़रीब जाओ नज़र दाग़ आते हैं
तासीर सिद्दीक़ी
लब से सुनाऊँ हाल क्या दिल का मिरे हबीब
लब का ये मसअला है कि लब मुस्कुराते हैं
तासीर सिद्दीक़ी
अभी इस राह से कोई गया है
कहे देती है शोख़ी नक़्श-ए-पा की
मीर तस्कीन देहलवी
इतनी न कीजे जाने की जल्दी शब-ए-विसाल
देखे हैं मैं ने काम बिगड़ते शिताब में
मीर तस्कीन देहलवी
इतनी न कीजे जाने की जल्दी शब-ए-विसाल
देखे हैं मैं ने काम बिगड़ते शिताब में
मीर तस्कीन देहलवी