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2 लाइन शायरी शायरी | शाही शायरी

2 लाइन शायरी

22761 शेर

तमाम उम्र यहाँ किस का इंतिज़ार हुआ है
तमाम उम्र मिरा कौन इंतिज़ार करेगा

सऊद उस्मानी




तेरी शिकस्त अस्ल में मेरी शिकस्त है
तू मुझ से एक बार भी हारा तो मैं गया

सऊद उस्मानी




उन से भी मेरी दोस्ती उन से भी रंजिशें
सीने में एक हल्क़ा-ए-अहबाब और है

सऊद उस्मानी




उन से भी मेरी दोस्ती उन से भी रंजिशें
सीने में एक हल्क़ा-ए-अहबाब और है

सऊद उस्मानी




वो चाहता था कि देखे मुझे बिखरते हुए
सो उस का जश्न ब-सद-एहतिमाम मैं ने किया

सऊद उस्मानी




यकजाई से पल भर की ख़ुद-आराई भली थी
शोले से निकल आए शरारे की तरह हम

सऊद उस्मानी




यकजाई से पल भर की ख़ुद-आराई भली थी
शोले से निकल आए शरारे की तरह हम

सऊद उस्मानी