अम्मामे को उतार के पढ़ीयो नमाज़ शैख़
सज्दे से वर्ना सर को उठाया न जाएगा
मोहम्मद रफ़ी सौदा
बादशाहत दो जहाँ की भी जो होवे मुझ को
तेरे कूचे की गदाई से न खो दे मुझ को
मोहम्मद रफ़ी सौदा
बदला तिरे सितम का कोई तुझ से क्या करे
अपना ही तू फ़रेफ़्ता होवे ख़ुदा करे
मोहम्मद रफ़ी सौदा
बदला तिरे सितम का कोई तुझ से क्या करे
अपना ही तू फ़रेफ़्ता होवे ख़ुदा करे
मोहम्मद रफ़ी सौदा
बे-सबाती ज़माने की नाचार
करनी मुझ को बयान पड़ती है
मोहम्मद रफ़ी सौदा
दिखाऊँगा तुझे ज़ाहिद उस आफ़त-ए-दीं को
ख़लल दिमाग़ में तेरे है पारसाई का
मोहम्मद रफ़ी सौदा
दिखाऊँगा तुझे ज़ाहिद उस आफ़त-ए-दीं को
ख़लल दिमाग़ में तेरे है पारसाई का
मोहम्मद रफ़ी सौदा