बस एक धुन थी समुंदर को पार करने की
मैं जानता था समुंदर के पार कुछ भी न था
ऐन इरफ़ान
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
बे-मक़्सद महफ़िल से बेहतर तन्हाई
बे-मतलब बातों से अच्छी ख़ामोशी
ऐन इरफ़ान
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
गामज़न हैं हम मुसलसल अजनबी मंज़िल की सम्त
ज़िंदगी की आरज़ू में ज़िंदगी खोते हुए
ऐन इरफ़ान
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
ग़र्क़ होते जहाज़ देखे हैं
सैल-ए-वक़्त-ए-रवाँ समझता हूँ
ऐन इरफ़ान
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
हादिसा कौन सा हुआ पहले
रात आई कि दिन ढला पहले
ऐन इरफ़ान
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
हो दिन कि चाहे रात कोई मसअला नहीं
मेरे लिए हयात कोई मसअला नहीं
ऐन इरफ़ान
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
जहाँ तक डूबने का डर है तुम को
चलो हम साथ चलते हैं वहाँ तक
ऐन इरफ़ान
टैग:
| 2 लाइन शायरी |