EN اردو
जौन एलिया शायरी | शाही शायरी

जौन एलिया शेर

159 शेर

ये पैहम तल्ख़-कामी सी रही क्या
मोहब्बत ज़हर खा कर आई थी क्या

जौन एलिया




ये वार कर गया है पहलू से कौन मुझ पर
था मैं ही दाएँ बाएँ और मैं ही दरमियाँ था

जौन एलिया




यूँ जो तकता है आसमान को तू
कोई रहता है आसमान में क्या

जौन एलिया




ज़िंदगी एक फ़न है लम्हों को
अपने अंदाज़ से गँवाने का

जौन एलिया




ज़िंदगी किस तरह बसर होगी
दिल नहीं लग रहा मोहब्बत में

जौन एलिया




ज़िंदगी क्या है इक कहानी है
ये कहानी नहीं सुनानी है

जौन एलिया