हमारी नस्ल सँवरती है देख कर हम को
सो अपने-आप को शफ़्फ़ाफ़-तर भी रखना है
फ़ातिमा हसन
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
दिखाई देता है जो कुछ कहीं वो ख़्वाब न हो
जो सुन रही हूँ वो धोका न हो समाअत का
फ़ातिमा हसन
बिछड़ रहा था मगर मुड़ के देखता भी रहा
मैं मुस्कुराती रही मैं ने भी कमाल किया
फ़ातिमा हसन
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
भूल गई हूँ किस से मेरा नाता था
और ये नाता कैसे टूटा भूल गई
फ़ातिमा हसन
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
बहुत गहरी है उस की ख़ामुशी भी
मैं अपने क़द को छोटा पा रही हूँ
फ़ातिमा हसन
टैग:
| खामोशी |
| 2 लाइन शायरी |
और कोई नहीं है उस के सिवा
सुख दिए दुख दिए उसी ने दिए
फ़ातिमा हसन
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
अधूरे लफ़्ज़ थे आवाज़ ग़ैर-वाज़ेह थी
दुआ को फिर भी नहीं देर कुछ असर में लगी
फ़ातिमा हसन
टैग:
| दुआ |
| 2 लाइन शायरी |