तेरे मिलाप बिन नहीं 'फ़ाएज़' के दिल को चैन 
ज्यूँ रूह हो बसा है तू उस के बदन में आ
फ़ाएज़ देहलवी
    टैग: 
            | Mulaqat   |
            | 2 लाइन शायरी   |
    
                 
                तुझ बदन पर जो लाल सारी है 
अक़्ल उस ने मिरी बिसारी है
फ़ाएज़ देहलवी
    टैग: 
            | 2 लाइन शायरी   |
    
                 
                वो तमाशा ओ खेल होली का 
सब के तन रख़्त-ए-केसरी है याद
फ़ाएज़ देहलवी
    टैग: 
            | 2 लाइन शायरी   |
    
                 
                
