आँख का ए'तिबार क्या करते
जो भी देखा वो ख़्वाब में देखा
अब्दुल हमीद अदम
आँखों से पिलाते रहो साग़र में न डालो
अब हम से कोई जाम उठाया नहीं जाता
अब्दुल हमीद अदम
आप इक ज़हमत-ए-नज़र तो करें
कौन बेहोश हो नहीं सकता
अब्दुल हमीद अदम
'अदम' रोज़-ए-अजल जब क़िस्मतें तक़्सीम होती थीं
मुक़द्दर की जगह मैं साग़र-ओ-मीना उठा लाया
अब्दुल हमीद अदम
ऐ दोस्त मोहब्बत के सदमे तन्हा ही उठाने पड़ते हैं
रहबर तो फ़क़त इस रस्ते में दो गाम सहारा देते हैं
अब्दुल हमीद अदम
ऐ ग़म-ए-ज़िंदगी न हो नाराज़
मुझ को आदत है मुस्कुराने की
अब्दुल हमीद अदम
और तो दिल को नहीं है कोई तकलीफ़ 'अदम'
हाँ ज़रा नब्ज़ किसी वक़्त ठहर जाती है
अब्दुल हमीद अदम
बाज़ औक़ात किसी और के मिलने से 'अदम'
अपनी हस्ती से मुलाक़ात भी हो जाती है
अब्दुल हमीद अदम
बढ़ के तूफ़ान को आग़ोश में ले ले अपनी
डूबने वाले तिरे हाथ से साहिल तो गया
अब्दुल हमीद अदम