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अब्दुल हमीद अदम शायरी | शाही शायरी

अब्दुल हमीद अदम शेर

90 शेर

मशहूर इक सवाल किया था करीम ने
मुझ से वहाँ भी आप की तारीफ़ हो गई

अब्दुल हमीद अदम




मरने वाले तो ख़ैर हैं बेबस
जीने वाले कमाल करते हैं

those who are dying can little else contrive
I am truly amazed at those who can survive

अब्दुल हमीद अदम




मय-कदा है यहाँ सकूँ से बैठ
कोई आफ़त इधर नहीं आती

अब्दुल हमीद अदम




मैं यूँ तलाश-ए-यार में दीवाना हो गया
काबे में पाँव रक्खा तो बुत-ख़ाना हो गया

अब्दुल हमीद अदम




मैं उम्र भर जवाब नहीं दे सका 'अदम'
वो इक नज़र में इतने सवालात कर गए

अब्दुल हमीद अदम




मैं मय-कदे की राह से हो कर निकल गया
वर्ना सफ़र हयात का काफ़ी तवील था

अब्दुल हमीद अदम




मैं बद-नसीब हूँ मुझ को न दे ख़ुशी इतनी
कि मैं ख़ुशी को भी ले कर ख़राब कर दूँगा

अब्दुल हमीद अदम




मैं और उस ग़ुंचा-दहन की आरज़ू
आरज़ू की सादगी थी मैं न था

अब्दुल हमीद अदम




लोग कहते हैं कि तुम से ही मोहब्बत है मुझे
तुम जो कहते हो कि वहशत है तो वहशत होगी

अब्दुल हमीद अदम