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एजाज तवक्कल शायरी | शाही शायरी

एजाज तवक्कल शेर

2 शेर

बहती हुई आँखों की रवानी में मरे हैं
कुछ ख़्वाब मिरे ऐन-जवानी में मरे हैं

एजाज तवक्कल




क़ब्रों में नहीं हम को किताबों में उतारो
हम लोग मोहब्बत की कहानी में मरें हैं

एजाज तवक्कल