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Sadgi शायरी | शाही शायरी

Sadgi

13 शेर

मुझे ज़िंदगी की दुआ देने वाले
हँसी आ रही है तिरी सादगी पर

गोपाल मित्तल




ब-ज़ाहिर सादगी से मुस्कुरा कर देखने वालो
कोई कम-बख़्त ना-वाक़िफ़ अगर दीवाना हो जाए

हफ़ीज़ जालंधरी




हाजत नहीं बनाओ की ऐ नाज़नीं तुझे
ज़ेवर है सादगी तिरे रुख़्सार के लिए

हैदर अली आतिश




वफ़ा तुझ से ऐ बेवफ़ा चाहता हूँ
मिरी सादगी देख क्या चाहता हूँ

fealty I seek from you, O my faithless friend
behold my innocence and, see what I intend

हसरत मोहानी




वो सादगी में भी है अजब दिलकशी लिए
इस वास्ते हम उस की तमन्ना में जी लिए

जुनैद हज़ीं लारी




मुझ से तू पूछने आया है वफ़ा के मअ'नी
ये तिरी सादा-दिली मार न डाले मुझ को

क़तील शिफ़ाई