एक ऐसा भी वक़्त होता है 
मुस्कुराहट भी आह होती है
जिगर मुरादाबादी
गुज़र रहा है इधर से तो मुस्कुराता जा 
चराग़-ए-मज्लिस-ए-रुहानियाँ जलाता जा
जोश मलीहाबादी
    टैग: 
            | Muskurahat   |
            | 2 लाइन शायरी   |
    
                                मुस्कुराना कभी न रास आया 
हर हँसी एक वारदात बनी
कँवर महेंद्र सिंह बेदी सहर
    टैग: 
            | Muskurahat   |
            | 2 लाइन शायरी   |
    
                                'नज़ीर' लोग तो चेहरे बदलते रहते हैं 
तू इतना सादा न बन मुस्कुराहटें पहचान
नज़ीर तबस्सुम
    टैग: 
            | Muskurahat   |
            | 2 लाइन शायरी   |
    
                                
