बिछड़ने का इरादा है तो मुझ से मशवरा कर लो
मोहब्बत में कोई भी फ़ैसला ज़ाती नहीं होता
अफ़ज़ल ख़ान
खींचो न कमानों को न तलवार निकालो
जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो
neither bow and arrow nor a sword do you require
pubish a newspaper when faced with cannon fire
अकबर इलाहाबादी
अपने मन में डूब कर पा जा सुराग़-ए-ज़ि़ंदगी
तू अगर मेरा नहीं बनता न बन अपना तो बन
अल्लामा इक़बाल
निकल जा अक़्ल से आगे कि ये नूर
चराग़-ए-राह है मंज़िल नहीं है
अल्लामा इक़बाल
तमन्ना दर्द-ए-दिल की हो तो कर ख़िदमत फ़क़ीरों की
नहीं मिलता ये गौहर बादशाहों के ख़ज़ीनों में
serve mendicants if you desire empathy to gain
treasuries of emperors do not this wealth contain
अल्लामा इक़बाल
वतन की फ़िक्र कर नादाँ मुसीबत आने वाली है
तिरी बर्बादियों के मशवरे हैं आसमानों में
fear for your country, trouble will soon arise
words of your destruction have been spoken by the skies
अल्लामा इक़बाल
फ़राग़त से दुनिया में हर दम न बैठो
अगर चाहते हो फ़राग़त ज़ियादा
अल्ताफ़ हुसैन हाली