अजी फेंको रक़ीब का नामा
न इबारत भली न अच्छा ख़त
सख़ी लख़नवी
फाड़ कर ख़त उस ने क़ासिद से कहा
कोई पैग़ाम ज़बानी और है
सरदार गेंडा सिंह मशरिक़ी
तिरा ख़त आने से दिल को मेरे आराम क्या होगा
ख़ुदा जाने कि इस आग़ाज़ का अंजाम क्या होगा
मोहम्मद रफ़ी सौदा
काफ़ी है मिरे दिल की तसल्ली को यही बात
आप आ न सके आप का पैग़ाम तो आया
शकील बदायुनी
पहली बार वो ख़त लिक्खा था
जिस का जवाब भी आ सकता था
शारिक़ कैफ़ी
क़यामत है ये कह कर उस ने लौटाया है क़ासिद को
कि उन का तो हर इक ख़त आख़िरी पैग़ाम होता है
शेरी भोपाली
क़यामत है ये कह के उस ने लौटाया है क़ासिद को
कि उन का तो हर इक ख़त आख़िरी पैग़ाम होता है
शेरी भोपाली