सय्याद के जिगर में करे था सिनाँ का काम
मुर्ग़-ए-क़फ़स के सर पे ये एहसान-ए-नाला था
शाह नसीर
शैख़-साहिब की नमाज़-ए-सहरी को है सलाम
हुस्न-ए-निय्यत से मुसल्ले पे वज़ू टूट गया
शाह नसीर
शैख़-साहिब की नमाज़-ए-सहरी को है सलाम
हुस्न-ए-निय्यत से मुसल्ले पे वज़ू टूट गया
शाह नसीर
शराब लाओ कबाब लाओ हमारे दिल को न अब घटाओ
शुरूअ दूद-ए-क़दह हो जल्दी कि सर पे अब्र-ए-बहार आया
शाह नसीर
शौक़-ए-कुश्तन है उसे ज़ौक़-ए-शहादत है मुझे
याँ से मैं जाऊँगा वाँ से वो सितमगर आएगा
शाह नसीर
सुपर रखता हूँ मैं भी आफ़्ताबी साग़र-ए-मय की
मुझे ऐ अब्र तेग़-ए-बर्क़ को चमका के मत धमका
शाह नसीर
तार-ए-मिज़्गाँ पे रवाँ यूँ है मिरा तिफ़्ल-ए-सरिश्क
नट रसन पर चले है जैसे कोई रख कर पाँव
शाह नसीर