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कँवर महेंद्र सिंह बेदी सहर शायरी | शाही शायरी

कँवर महेंद्र सिंह बेदी सहर शेर

12 शेर

शोख़ी शबाब हुस्न तबस्सुम हया के साथ
दिल ले लिया है आप ने किस किस अदा के साथ

कँवर महेंद्र सिंह बेदी सहर




उठा सुराही ये शीशा वो जाम ले साक़ी
फिर इस के बाद ख़ुदा का भी नाम ले साक़ी

कँवर महेंद्र सिंह बेदी सहर




ज़िंदगी मौत बन गई होती जान से हम गुज़र गए होते
इतने इशरत-ज़दा हैं हम कि अगर ग़म न होता तो मर गए होते

कँवर महेंद्र सिंह बेदी सहर