पाया जब से ज़ख़्म किसी को खोने का
सीखा फ़न हम ने बे-आँसू रोने का
हसन अकबर कमाल
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वफ़ा परछाईं की अंधी परस्तिश
मोहब्बत नाम है महरूमियों का
हसन अकबर कमाल
11 शेर
पाया जब से ज़ख़्म किसी को खोने का
सीखा फ़न हम ने बे-आँसू रोने का
हसन अकबर कमाल
वफ़ा परछाईं की अंधी परस्तिश
मोहब्बत नाम है महरूमियों का
हसन अकबर कमाल