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हसन अकबर कमाल शायरी | शाही शायरी

हसन अकबर कमाल शेर

11 शेर

पाया जब से ज़ख़्म किसी को खोने का
सीखा फ़न हम ने बे-आँसू रोने का

हसन अकबर कमाल




वफ़ा परछाईं की अंधी परस्तिश
मोहब्बत नाम है महरूमियों का

हसन अकबर कमाल