लबों पर तबस्सुम तो आँखों में आँसू थी धूप एक पल में तो इक पल में बारिश
हमें याद है बातों बातों में उन का हँसाना रुलाना रुलाना हँसाना
अकबर हैदराबादी
आँख में आँसू का और दिल में लहू का काल है
है तमन्ना का वही जो ज़िंदगी का हाल है
अकबर हैदराबादी
हिम्मत वाले पल में बदल देते हैं दुनिया को
सोचने वाला दिल तो बैठा सोचा करता है
अकबर हैदराबादी
हर दुकाँ अपनी जगह हैरत-ए-नज़्ज़ारा है
फ़िक्र-ए-इंसाँ के सजाए हुए बाज़ार तो देख
अकबर हैदराबादी
दिल दबा जाता है कितना आज ग़म के बार से
कैसी तन्हाई टपकती है दर ओ दीवार से
अकबर हैदराबादी
छोड़ के माल-ओ-दौलत सारी दुनिया में अपनी
ख़ाली हाथ गुज़र जाते हैं कैसे कैसे लोग
अकबर हैदराबादी
चराग़-ए-राहगुज़र लाख ताबनाक सही
जला के अपना दिया रौशनी मकान में ला
अकबर हैदराबादी
बुरे भले में फ़र्क़ है ये जानते हैं सब मगर
है कौन नेक कौन बद नज़र नज़र की बात है
अकबर हैदराबादी
बे-साल-ओ-सिन ज़मानों में फैले हुए हैं हम
बे-रंग-ओ-नस्ल नाम में तू भी है मैं भी हूँ
अकबर हैदराबादी