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ओवेस अहमद दौराँ शायरी | शाही शायरी

ओवेस अहमद दौराँ शेर

12 शेर

ऐसा न हो ये रात कोई हश्र उठा दे
उठता है सितारों से धुआँ जागते रहना

ओवेस अहमद दौराँ




बहती नहीं है मर्द की आँखों से जू-ए-अश्क
लेकिन हमें बताओ कि हम किस लिए हँसें

ओवेस अहमद दौराँ




बे-दारों की दुनिया कभी लुटती नहीं 'दौराँ'
इक शम्अ लिए तुम भी यहाँ जागते रहना

ओवेस अहमद दौराँ




हम शाएर-ए-हयात हैं हम शाएर-ए-हयात!
'दौराँ' वो सुर्ख़ रंग का परचम तो दो हमें

ओवेस अहमद दौराँ




कुछ दर्द के मारे हैं कुछ नाज़ के हैं पाले
कुछ लोग हैं हम जैसे कुछ लोग हैं तुम जैसे

ओवेस अहमद दौराँ




पैवंद की तरह नज़र आता है बद-नुमा
पुख़्ता मकान कच्चे घरों के हुजूम में

ओवेस अहमद दौराँ




सब मस्तियों में फेंको न पत्थर इधर उधर
दीवानो! इस दयार में शीशे के घर भी हैं

ओवेस अहमद दौराँ




शायद किसी की याद का मौसम फिर आ गया
पहलू में दिल की तरह धड़कने लगी है शाम

ओवेस अहमद दौराँ




उन मकानों में भी इंसान ही रहते होंगे
रौनक़ें जिन में नहीं आप की महफ़िल की सी

ओवेस अहमद दौराँ