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ख़ान मोहम्मद ख़लील शायरी | शाही शायरी

ख़ान मोहम्मद ख़लील शेर

3 शेर

ख़ुद अपने दिल की सदा तेरी दस्तकों सी लगी
गुमाँ में था तेरा आना क़यास ऐसा था

ख़ान मोहम्मद ख़लील




पहले तो चंद लोग तरफ़-दार थे मिरे
फिर वो भी वक़्त था कि ख़ुदा भी उसी का था

ख़ान मोहम्मद ख़लील




तुम अपनी आस्तीं गर धो भी लोगे
पुकार उट्ठेगा ख़ंजर देख लेना

ख़ान मोहम्मद ख़लील