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कर्रार नूरी शायरी | शाही शायरी

कर्रार नूरी शेर

3 शेर

हम को भी सर कोई दरकार है अब सर के एवज़
पत्थर इक हम भी चला देते हैं पत्थर के एवज़

कर्रार नूरी




कौन हो सकता है आने वाला
एक आवाज़ सी आई थी अभी

कर्रार नूरी




नाकामियों ने और भी सरकश बना दिया
इतने हुए ज़लील कि ख़ुद्दार हो गए

कर्रार नूरी