एक सूरत नज़र आई थी अभी
दिल ने तस्वीर बनाई थी अभी
कौन हो सकता है आने वाला
एक आवाज़ सी आई थी अभी
एक सूरत थी कि दिल ही दिल में
एक सूरत से मिलाई थी अभी
सब की आँखों में नज़र आने लगी
दिल में सूरत जो छुपाई थी अभी
बात कहते ही ज़रा खो से गए
बात मुश्किल से बनाई थी अभी
फिर वफ़ादार नज़र आने लगा
बेवफ़ा जिस से लड़ाई थी अभी
साथ अपने वो ख़ुदा था शायद
साथ अपने जो ख़ुदाई थी अभी
ग़ज़ल
एक सूरत नज़र आई थी अभी
कर्रार नूरी