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अंजुम लुधियानवी शायरी | शाही शायरी

अंजुम लुधियानवी शेर

17 शेर

आप के भी हो जाएँगे हम
पहले अपने तो हो लें

अंजुम लुधियानवी




बस्ती में इक फूल खिला
महलों महलों चर्चा है

अंजुम लुधियानवी




धूप निकली है बारिशों के ब'अद
वो अभी रो के मुस्कुराए हैं

अंजुम लुधियानवी




दिल बुझा बुझा हो तो क्या बुरा है रोने में
बारिशों के बा'द अंजुम आसमाँ निखरता है

अंजुम लुधियानवी




दिल हर ज़िद मनवा लेता है
ये बच्चा शैतान बहुत है

अंजुम लुधियानवी




दिल का क्या करूँ यारो मानता नहीं मेरी
अपने दिल की सुनता है अपने मन की करता है

अंजुम लुधियानवी




दोस्ती बंदगी वफ़ा-ओ-ख़ुलूस
हम ये शम्अ' जलाना भूल गए

अंजुम लुधियानवी




दोस्ती बंदगी वफ़ा-ओ-ख़ुलूस
हम ये शमएँ जलाना भूल गए

अंजुम लुधियानवी




ख़ुद-कुशी करने में भी नाकाम रह जाते हैं हम
कौन अमृत घोल देता है हमारे ज़हर में

अंजुम लुधियानवी