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अली ज़रयून शायरी | शाही शायरी

अली ज़रयून शेर

4 शेर

अदा-ए-इश्क़ हूँ पूरी अना के साथ हूँ मैं
ख़ुद अपने साथ हूँ यानी ख़ुदा के साथ हूँ मैं

अली ज़रयून




अस्र के वक़्त मेरे पास न बैठ
मुझ पे इक साँवली का साया है

अली ज़रयून




बात भी कीजिए देख भी लीजिए
देख भी लीजिए बात भी कीजिए

अली ज़रयून




सुकूत-ए-शाम का हिस्सा तू मत बना मुझ को
मैं रंग हूँ सो किसी मौज में मिला मुझ को

अली ज़रयून