दिल की हालत बयाँ नहीं होती
ख़ामुशी जब ज़बाँ नहीं होती
अब्दुल सलाम
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जो ये हिन्दोस्ताँ नहीं होता
तो ये उर्दू ज़बाँ नहीं होती
अब्दुल सलाम
शेर कहने की तबीअत न रही
जिस से आमद थी वो सूरत न रही
अब्दुल सलाम
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