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अब्दुल सलाम शायरी | शाही शायरी

अब्दुल सलाम शेर

3 शेर

दिल की हालत बयाँ नहीं होती
ख़ामुशी जब ज़बाँ नहीं होती

अब्दुल सलाम




जो ये हिन्दोस्ताँ नहीं होता
तो ये उर्दू ज़बाँ नहीं होती

अब्दुल सलाम




शेर कहने की तबीअत न रही
जिस से आमद थी वो सूरत न रही

अब्दुल सलाम