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वाडा शायरी | शाही शायरी

वाडा

50 शेर

किया था दिन का वादा रात को आया तो क्या शिकवा
उसे भूला नहीं कहते जो भूला घर में शाम आया

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम