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Sawal शायरी | शाही शायरी

Sawal

27 शेर

मुख़्तार मैं अगर हूँ तो मजबूर कौन है
मजबूर आप हैं तो किसे इख़्तियार है

लाला माधव राम जौहर




न माँगिये जो ख़ुदा से तो माँगिये किस से
जो दे रहा है उसी से सवाल होता है

लाला माधव राम जौहर




जवाब देता है मेरे हर इक सवाल का वो
मगर सवाल भी उस की तरफ़ से होता है

मोहसिन असरार




खड़ा हूँ आज भी रोटी के चार हर्फ़ लिए
सवाल ये है किताबों ने क्या दिया मुझ को

नज़ीर बाक़री




ग़म मुझे देते हो औरों की ख़ुशी के वास्ते
क्यूँ बुरे बनते हो तुम नाहक़ किसी के वास्ते

you heap these sorrows onto me, why for other's sake?
For someone else, needlessly this blame why do you take?

रियाज़ ख़ैराबादी




जवाज़ कोई अगर मेरी बंदगी का नहीं
मैं पूछता हूँ तुझे क्या मिला ख़ुदा हो कर

शहज़ाद अहमद